आजकल हर कोई स्मार्टफोन इस्तेमाल करता है व अपने सभी तरह के ऑफिसियल काम स्मार्टफोन से करना पसंद करता है, लेकिन स्मार्टफोन की कम चलती बैटरी ओर धीरे charging speed सभी को परेशान करती है। ऐसे में फ़ोन के लिए fast charging या Quick Charging सभी स्मार्टफोन्स के लिए आज के समय में काफी जरूरी हो गया है ताकि फोन जल्दी चार्ज हो सके।
जब शुरू में स्मार्टफोन्स आये थे तो फ़ोन जल्दी चार्ज नहीं होते थे। फोन की बैटरी पूरी चार्ज होने में 2 घंटे से ज्यादा समय लगता था ओर इतना समय किसी के पास नही होता कि फ़ोन को 2 घंटे से ज्यादा समय तक चार्जिंग में लगा सके, क्योंकि किसी को ऑफिस की जल्दी होती है तो किसी को कोई अन्य काम की।
ऐसे में स्मार्टफोन निर्माता कंपनियों ने फ़ोन को जल्दी चार्ज करने वाली टेक्नोलॉजी पर काम शुरू किया ताकि फ़ोन को जल्दी चार्ज कर सकें और ग्राहकों का समय बच सके। सभी कंपनियां फ़ोन को जल्दी चार्ज करने वाली तकनीक समय समय पर लाती रहती हैं और उसमें सुधार करती रहती है। इसी को फ़ास्ट चार्जिंग (Fast Charging) तकनीक का नाम दिया गया है। लेकिन ये Fast Charging तकनीक काम कैसे करती है और क्या Fast Charging तकनीक स्मार्टफोन्स के लिए सही है? आज इस पोस्ट में हम इसी बारे में चर्चा करने वाले हैं कि Fast Charging क्या है और यह कैसे काम करती है व क्या इसके फायदे या नुकसान भी हैं?
तो चलिए शुरू करते हैं और समझते हैं आजकल स्मार्टफोन्स में इस्तेमाल होने वाली फ़ास्ट चार्जिंग (Fast Charging) तकनीक को पूरे विस्तार से –
Fast Charging क्या है और Fast Charging कैसे काम करता है
क्या है Fast Charging या Quick Charging
जैसे कि मैंने आपको ऊपर बताया है कि फोन को Fast charge या जल्दी चार्ज करने वाली तकनीक को ही Fast Charging या Quick Charging कहा जाता है। Fast Charging का विकास सबसे पहले Qualcomm ने किया था और Qualcomm Quick Charge 1.0 तकनीक को मार्केट में उतारा था। उसके बाद बहुत सी कंपनी इस क्षेत्र में काम करने लगी और अपनी अपनी अलग fast charging तकनीक लाने लगी। आजकल सभी कंपनी फोन्स को जल्दी चार्ज करने की अलग अलग तकनीकी पर काम कर रही हैं ताकि फ़ोन को जल्दी चार्ज करने में सफलता मिल सके।
Fast charging को Quick Charging नाम के अलावा भी अन्य बहुत से नामों से जाना जाता है, जैसे – VOOC Charge, Dash Charging ओर Flash Charging इत्यादि। यह Fast Charging तकनीक के ही अलग अलग नाम व स्टेज हैं। सभी कंपनियां इसको अलग अलग नाम देती हैं। Oppo, Oneplus, Apple व Samsung इत्यादि सभी कंपनियां आजकल Quick charging पर ज्यादा ध्यान देती हैं।
फ़ास्ट चार्ज तकनीक काम कैसे करती है –
फ़ास्ट चार्ज तकनीक आपके फ़ोन के चार्जर Wattage पर निर्भर करता है। आपकी चार्जर का Wattage जितना ज्यादा होगा, आपका फ़ोन उतना ही ज्यादा जल्दी चार्ज होगा। हर स्मार्टफोन में पावर मैनेजमेंट सर्किट बोर्ड होता है। ये तय करता है कि किसी भी समय बैटरी कितनी वॉट बिजली ले सकती है। जिन स्मार्टफोन में क्विक चार्ज नहीं है उनमें ये 10 वॉट तक सीमित है।
क्विक चार्ज की खूबी है कि वो इस सीमा को बढ़ा देता है। इसलिए स्मार्टफोन जल्दी चार्ज हो सकते हैं। स्मार्टफोन का पावर मैनेजमेंट सर्किट उसे ज़्यादा बिजली लेने को तैयार कर देता है।
क्विक चार्ज के लिए तीन चीज़ें होना ज़रूरी है- स्मार्टफोन या टैबलेट में क्विक चार्ज का सिस्टम, एडाप्टर जो ऊंचे वोल्टेज का है और बढ़िया यूएसबी वाली तार। अगर स्मार्टफोन को क्विक चार्ज के लिए नहीं बनाया गया है तो उसे जल्दी नहीं चार्ज किया जा सकता है।
Note – voltage ओर Ampere को मिलाकर Wattage बनता है। यह आपके फ़ोन चार्ज एडेप्टर पर लिखा होता है। जैसे – 5V ओर 2A
Note – चार्जर का कुल Wattage निकालने के लिए Voltage को Ampere से गुणा किया जाता है।
एक सामान्य फोन में आपको 5W का चार्जर मिलता है। इससे आपका फोन नॉर्मल तरीके से चार्ज होता है और स्पीड भी नॉर्मल होती है। लेकिन जैसे जैसे एडेप्टर की वैटेज बढ़ती जाती है, वैसे वैसे आपके फ़ोन की चार्जिंग स्पीड भी बढ़ते जाती है।
Full Explain Of Fast Charging Technology –
फ़ास्ट चार्जिंग के लिए सबसे पहले Qualcomm अपना Fast charge 1.0 लेकर आया। इसमें सबसे ज्यादा 10 W तक का पॉवर मिलता था। इसमें आपको 5V ओर 2A मिलता था। इसका कुल Wattage 5V×2A = 10 W होता था। इससे चार्जिंग स्पीड में थोड़ा सुधार हुआ और ओर फ़ोन पहले के मुकाबले थोड़ा जल्दी चार्ज होने लगा।
उसके बाद Quick charge 2.0 आया। उसमें ग्राहकों को Maximum 18W का चार्जर व Minimum 10W का चार्जर मिलता था। Quick Charge 2 में जो output मिलता है वो आपके फ़ोन की बैटरी के करंट लेवल पर डिपेंड करता है, कि कितना है या वो कितना power accept कर सकती है। इसमें 5V व 2A = 10W या 9V व 2A = 18W या 12V व 1.67A = 18W का पॉवर मिलता था।
इसके बाद आता है Quick Charge 3.0 तकनीक। यह 2.0 से थोड़ा ज्यादा फ़ास्ट चार्ज करने में सक्षम है। इसमें क्विक चार्ज 2.0 आउटपुट्स (10W ओर 18W) को थोड़ा चेंज करके 3.6V से लेकर 12V तक 200MV (मिलीवोल्ट) का इंक्रीमेंट किया है। इससे ये होता है कि पहले 0 से 50 या 50% तक तो 18W से चार्ज होता था लेकिन 60% के बाद वह झट से 10W पर आ जाता था और बैटरी को 10W की स्पीड से चार्ज करता था।
लेकिन 3.0 में ऐसा नहीं होगा। अब फ़ोन की बैटरी जैसे जैसे बढ़ती जाएगी वैसे 200-200 मिलीवोल्ट से धीरे धीरे नीचे आएगी। यानी इसमें चार्जिंग स्पीड में पहले के मुकाबले इसमें थोड़ा ज्यादा इम्प्रोवमेंट किया गया है। आजकल ज्यादातर Mid Range Smartphones में यही तकनीक 3.0 देखने को मिलती है।
Fast Charge 3.0 के बाद Fast Charge वर्ज़न 4 ओर फ़ास्ट चार्ज वर्ज़न 4+ भी लॉन्च हुए हैं जो Qualcomm के बड़े प्रोसेसर में देखने को मिल सकते हैं। यह तकनीक अभी तक ज्यादा फ़ोन्स में इस्तेमाल नहीं हुई है। यह अभी कुछ ही प्रीमियम स्मार्टफोन्स में मिलती है। Quick charge 4 में आपको 100W तक का चार्जर आउटपुट व Quick charge या Fast Charge 4+ में 120W का आउटपुट मिलता है। यह आपके स्मार्टफोन को 5 से 10 मिनट में ही 100% तक चार्ज कर सकती है। यह 2020 में लांच होने वाले कुछ Vivo ओर Oppo इत्यादि के महंगे फ़ोन्स में देखने को मिल सकती है।
ऐसा नहीं है कि Quick चार्ज टेक्नोलॉजी हर फ़ोन में या किसी भी प्रोसेसर वाले फ़ोन में इस्तेमाल हो सकती है। for example – आप स्नैपड्रैगन 600 प्रोसेसर वाले फ़ोन्स में Quick charge 3.0 तकनीक को इस्तेमाल नहीं कर सकते। यह अलग अलग प्रोसेसर के लिए अलग अलग होती है।
आप Fast Charging या Quick Charging तकनीक को नीचे दी गई टेबल में आसानी से समझ सकते हैं कि इनका वोल्टेज व एम्पेयर का होता है और कौनसे प्रोसेसर में कौनसी क्विक चार्ज तकनीक दी जा सकती है –
Technology | Voltage | Current | Power | Processor Notes |
Quick Charge 1.0 | 5V | 2A | 10W | Snapdragon 600 |
Quick Charge 2.0 | 5 V, 9 V, 12 V | 3 A, 2 A, or 1.67 A | 36 W (12 V * 3 A) | Snapdragon 200, 208, 210, 212, 400, 410, 412, 415, 425, 610, 615, 616, 800, 801, 805, 808, 810 |
Quick Charge 3.0 | 3.6 V to 22 V, dynamic with 200 mV increments | 2.6 A or 4.6 A | 36 W (12 V * 3 A) | Snapdragon 427, 430, 435, 450, 617, 620, 625, 626, 632, 650, 652, 653, 665, 820, 821 |
Quick Charge 4 | 3.6 V to 20 V, 20 mV increments via QC 5 V, 9 V via USB-PD |
2.6 A or 4.6 A | 100 W (20 V * 5 A) | Snapdragon 630, 636, 660, 710, 835 |
Quick Charge 4+ | 3 V to 21 V, in 20 mV steps and 0 A to 3 A 50mA steps | 3 A | 27 W | Snapdragon 670, 675, 712, 730, 730G, 845, 855 |
Fast Charging Technology के मुख्य वर्ज़न –
अभी तक फ़ास्ट चार्जिंग के 4 वर्ज़न लॉन्च हो चुके हैं लेकिन ज्यादातर फ़ोन्स में इसके 3.0 वर्ज़न तक ही देखने को मिलते हैं। क्विक चार्जिंग तकनीक के मुख्य वर्जन ये हैं –
- Fast Changing या Quick Charge 1.0
- Fast Changing या Quick Charge 2.0
- Fast Changing या Quick Charge 3.0
- Fast Changing या Quick Charge 4
- Fast Changing या Quick Charge 4+
ये तो थे fast charging तकनीकी के मुख्य वर्जन या प्रकार। लेकिन कौन कौनसी अच्छी या बेस्ट कंपनी हैं जो Fast Charging तकनीकी पर काम करती हैं और क्विक चार्ज या चार्जर्स बनाती हैं। चलिए जानते हैं –
Best Quick Charge (Fast Charging) Company’s (Type Of Fast Charging) –
- Qualcomm Quick Charge
- MediaTek Pump Express
- Samsung Adaptive Fast Charging
- Oppo Super VOOC Flash Charge
- OnePlus Dash Charging
- Huawei SuperCharge
- Anker PowerIQ
- Xiaomi’s Super Charge Turbo Technology
ये सब मुख्य कंपनी या फ़ास्ट चार्जिंग टेक्नोलॉजी के टाइप्स हैं जो मार्केट में उपलब्ध हैं। Qualcomm ही सबसे पहले फास्ट चार्ज तकनीक को लेकर आया था।
Fast Charging तकनीक से जुड़े कुछ सवाल –
Q. क्या Fast Charger किसी भी फ़ोन में लगाया जा सकता है?
Ans. – Yes! Fast charger या Quick charger को आप किसी भी फ़ोन में इस्तेमाल कर सकते हैं, लेकिन इससे सभी फ़ोन फ़ास्ट चार्ज नहीं होंगे। इससे सिर्फ वही फ़ोन फ़ास्ट चार्ज हो सकेंगे, जो इसको सपोर्ट करते हैं। बाकी वैसे ही चार्ज होंगे जैसे नॉर्मल चार्जर से होते हैं।
Q. – क्या Fast charge तकनीक से फ़ोन खराब होता है?
Ans. – बिल्कुल नहीं! इससे फ़ोन पर कोई असर नहीं होता। कुछ कैसेस में आपको फ़ोन थोड़ा heat हो सकता है लेकिन फ़ोन खराब होने जैसी कोई बात नहीं है।
Q. – हमारे फ़ोन में Fast Charging Supportहै तो क्या हमें चार्जिंग के लिए फ़ास्ट चार्जर ही लगाना पड़ेगा?
Ans. – ऐसे भी बिल्कुल जरूरी नहीं है। आप अपने फ़ोन को slow chargers से भी चार्ज कर सकते हैं। आप जितना चाहे फोन को स्लो चार्ज करें, आपके फोन की बैटरी पर इसका कोई नुकसान नहीं होगा। अगर आपका फ़ास्ट चार्जर खराब हो जाता है तो आप slow charger से भी फ़ोन को चार्ज कर सकते हैं। बस इससे फ़ोन धीरे चार्ज होगा, फ़ास्ट चार्जर के मुकाबले।
Q. – क्या Quick Charger उसी कंपनी का इस्तेमाल करें, जिस कंपनी का फ़ोन है?
Ans. – ये भी कोई जरूरी नहीं है। आपको अच्छा लगे और आपके लिए किफायती हो तो आप किसी ओर कंपनी का फ़ास्ट चार्जर भी इस्तेमाल कर सकते हैं, जैसे आप Oneplus में Vivo का फ़ास्ट चार्जर इस्तेमाल कर सकते हैं या किसी अन्य थर्ड पार्टी कंपनी का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। इससे फ़ोन ओर चार्जिंग स्पीड पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
Q. – क्या Quick charge तकनीक से फ़ोन 0% से 100% तक एक समान चार्ज होता है?
Ans. – जैसा कि मैंने बताया था कि इस तकनीक में चार्जिंग स्पीड एक समान नहीं रहती है। अगर आपकी बैटरी 0% है तो यह 50% तक full speed से चार्ज होती है। इसके बाद 80% तक 18W पॉवर के साथ व उसके बाद 10w पॉवर के साथ चार्ज होगी। यानी चार्जिंग स्पीड जैसे जैसे बैटरी लेवल बढ़ता जाता है, वैसे वैसे कम होती जाती है।
Fast Charging या Quick Charging के नुकसान –
ऐसे नहीं है कि इस तकनीक के आपके लिए सिर्फ फायदे हैं और फ़ोन 30 मिनट में ही full charge हो जाएगा और आपका समय बचेगा। Quick charging तकनीक के कुछ नुकसान भी हो सकते हैं, जैसे –
- Fast Charging तकनीक से आपका फोन व फ़ोन की बैटरी Heat हो सकती है। यह गर्मियों में ज्यादा परेशान कर सकती है।
- फ़ास्ट चार्जिंग से आपके फ़ोन की बैटरी लाइफ भी कम होती है और चार्ज कम चलता है। फ़ोन की बैटरी भी जल्दी खराब हो जाती है।
- अगर आप फ़ास्ट चार्जर में कोई हल्की चार्जिंग केबल इस्तेमाल करते हैं तो वह जल सकती है। इसलिए आपको हमेशा ओरिजनल केबल ही इस्तेमाल करनी होती है जो फ़ास्ट चार्जर के पॉवर को accept कर सके।
आजकल स्मार्टफोन में सबसे ज्यादा 65W तक के फ़ास्ट चार्जर्स उपलब्ध हैं जो फ़ोन को 20 मिनट में 80% तक चार्ज कर सकते हैं। Realme X 2 Pro में 50W का Fast चार्जर आता है और Oppo Reno Ace में 65W के चार्जर के साथ आता है। आने वाले समय मे 2020 के अंत तक Vivo 120W का Fast Charger Support वाला फ़ोन ला रही है वही MI भी 100W Fast चार्जर तकनीक वाले फ़ोन को 2020 के अंत तक मार्केट में ला सकती है।
120W चार्जर तकनीक आपके फ़ोन को 5 मिनट में ही 100% तक पूरा चार्ज करने में सक्षम है वहीं यह 2 मिनट में 60% तक फ़ोन को चार्ज कर सकती है। यह वाकई एक सपने जैसा होगा।
अब देखना ये है कि Vivo अपनी 120W वली फ़ास्ट चार्ज तकनीक अपने फ़ोन्स में कब लेकर आती है। जब भी यह तकनीक मार्केट में आएगी, यह फ़ास्ट चार्जिंग का एक नया युग होगा व सभी कंपनी इस क्षेत्र में एक दूसरे को पीछे छोड़ने में लग जाएगी और इसका विकास और ज्यादा होगा।
तो दोस्तों, ये थी fast charging या Dash Charging या Flash Charging के बारे में हमारी आज की जानकारी। उम्मीद है कि अब आपको समझ मे आ गया होगा कि Fast Charging तकनीक क्या होती है और यह कैसे काम करती है। अब भी अगर आपके मन मे इसको लेकर कोई सवाल है तो आप हमसे कमेंट बॉक्स में कमेंट के माध्यम से हमसे पूछ सकते हैं।
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